आज आपके लिए एक बहुत जरूरी और अच्छी खबर लेकर आया हूँ। जैसा कि आप सब जानते हैं, मैं पिछले 6 साल से खेती-किसानी और सरकारी योजनाओं पर लिख रहा हूँ। मेरा अनुभव कहता है कि जब सरकार कोई नई योजना लाती है, तो उसकी सही जानकारी होना बहुत जरूरी है। आज हम बात करेंगे एक ऐसी शानदार योजना के बारे में, जिसका नाम है PM Dhan Dhanya Krishi Yojana 2025। ये योजना सचमुच किसान भाइयों की जिंदगी बदलने का दम रखती है।
आखिर क्या है PM Dhan Dhanya Krishi Yojana?
दोस्तो, PM Dhan Dhanya Krishi Yojana एक बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका मकसद है भारत के खेती-बाड़ी सेक्टर को आधुनिक बनाना और किसानों की आमदनी बढ़ाना। इसे आप एक मिशन-मोड पहल समझ सकते हैं, जिसका फोकस उन इलाकों पर है जहाँ खेती से उत्पादन कम होता है।
खास बात ये है कि ये कोई बिल्कुल नई योजना नहीं है। बल्कि, इसके तहत 11 अलग-अलग मंत्रालयों की 36 पहले से चल रही योजनाओं को एक साथ लाकर, एक समन्वित तरीके से लागू किया जाएगा। इससे होगा ये कि किसानों तक हर सुविधा बिना किसी रुकावट के पहुँचेगी। इस योजना से लगभग 1.7 करोड़ किसानों को सीधा फायदा मिलने की उम्मीद है।
ये योजना NITI आयोग के सफल Aspirational Districts Programme से प्रेरित होकर बनाई गई है। जिस तरह उस प्रोग्राम ने पिछड़े जिलों में विकास की लहर लाई थी, ठीक उसी तरह अब ये 100 खेती-प्रधान जिलों की तस्वीर बदलने जा रही है।
PM Dhan Dhanya Krishi Yojana का खास मकसद क्या है?
हर योजना का एक लक्ष्य होता है। PM Dhan Dhanya Krishi Yojana के भी कुछ खास मकसद हैं, जिन्हें जानना आपके लिए जरूरी है। इसके 5 मुख्य उद्देश्य हैं:
- खेती की उत्पादकता बढ़ाना: नए बीज, नई तकनीक और वैज्ञानिक तरीकों से खेती करके पैदावार को बढ़ाना।
- फसल में विविधता लाना: किसानों को अलग-अलग तरह की फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित करना, ताकि वो मौसम की मार से बच सकें और मार्केट में अच्छा दाम मिले।
- भंडारण क्षमता बढ़ाना: पंचायत और ब्लॉक लेवल पर भंडारण की सुविधा बढ़ाना, ताकि फसल खराब न हो और सही समय पर बेची जा सके।
- सिंचाई की सुविधा में सुधार: पानी की सही व्यवस्था करके सिंचाई की सुविधा को बेहतर करना।
- आसान लोन उपलब्ध कराना: किसानों को शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म, दोनों तरह के लोन आसानी से मिल सकें।
इसके अलावा, ये योजना सिर्फ खेती तक सीमित नहीं है। इसमें पशुपालन, मछली पालन, मधुमक्खी पालन और agroforestry जैसे संबद्ध सेक्टर पर भी ध्यान दिया जाएगा।
किन जिलों को मिलेगा लाभ और कैसे होगा चयन?
सरकार ने साफ किया है कि इस योजना का लाभ देश के 100 चुनिंदा जिलों को मिलेगा। अब आपके मन में सवाल होगा कि ये 100 जिले कौन-से होंगे। तो इन जिलों का चयन तीन आधारों पर किया जाएगा:
- कम उत्पादकता: जहाँ खेती से पैदावार कम है।
- कम फसल सघनता: जहाँ साल में कम फसलें ली जाती हैं।
- कम लोन वितरण: जहाँ किसानों को लोन मिलने में दिक्कत होती है।
एक अच्छी बात ये है कि हर राज्य से कम से कम एक जिला इस योजना में शामिल किया जाएगा, ताकि देश के हर कोने में इसका फायदा पहुँच सके।
कौन-कौन उठा सकता है इस योजना का फायदा?
ये योजना खास तौर पर उन किसानों के लिए है, जिन्हें वाकई मदद की जरूरत है। इसमें शामिल हैं:
- छोटे और सीमांत किसान
- कृषि सहकारी समितियाँ और FPOs (Farmer Producer Organizations Hawkins)
- महिला किसान और Self-Help Groups (SHGs)
- Agri-tech startups जो खेती में नए इनोवेशन ला रहे हैं
- गाँव के लोग जिन्हें बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और रोजगार के मौके मिलेंगे
कैसे होगा योजना का कार्यान्वयन और monitoring?
दोस्तो, किसी भी योजना की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि उसे जमीन पर कैसे लागू किया जाता है। इसके लिए सरकार ने एक ठोस Plan बनाया है।

हर चुने हुए जिले में एक District धन धान्य समिति बनाई जाएगी, जिसके अध्यक्ष जिला कलेक्टर होंगे। इस समिति में खेती से जुड़े अधिकारियों के साथ-साथ प्रोग्रेसिव किसान भी शामिल होंगे। ये समिति जिले की जरूरतों, मौसम और फसल पैटर्न को ध्यान में रखते हुए एक Plan तैयार करेगी।
monitoring के लिए तीन स्तर का सिस्टम बनाया गया है – जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर। हर जिले की प्रोग्रेस को 117 Key Performance Indicators (KPIs) पर ट्रैक किया जाएगा, जिसके लिए एक स्पेशल डिजिटल डैशबोर्ड बनेगा। इससे हर चीज में पारदर्शिता बनी रहेगी।
आवेदन कैसे करें?
जानकारी के अनुसार, अभी तक इस योजना के लिए ऑफलाइन आवेदन लिए जा सकते हैं। इसके लिए आपको अपने जिले के कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) या कृषि कार्यालय में जाना होगा। वहाँ से आपको आवेदन फॉर्म मिलेगा। फॉर्म को सही से भरकर, जरूरी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, जमीन के कागजात और बैंक पासबुक के साथ जमा करना होगा। इसके बाद आपके आवेदन का वेरिफिकेशन होगा और योग्य पाए जाने पर आपको योजना का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। हो सकता है कि आगे चलकर सरकार ऑनलाइन पोर्टल भी शुरू करे, इसलिए लेटेस्ट अपडेट के लिए हमेशा अलर्ट रहें।
मेरा अनुभव और सलाह
एक लेखक और किसान परिवार से होने के नाते, मैं इस योजना को लेकर बहुत उत्साहित हूँ। मैंने अक्सर देखा है कि अलग-अलग डिपार्टमेंट्स की योजनाओं में coordination न होने की वजह से किसानों को पूरा लाभ नहीं मिल पाता। ये योजना इस कमी को दूर करने का एक शानदार प्रयास है। जब 36 योजनाएँ एक साथ मिलकर काम करेंगी, तो नतीजे भी बेहतर आएँगे।
मेरी सलाह यही है कि जैसे ही आपके जिले में ये योजना शुरू हो, आप तुरंत अपने कृषि कार्यालय से संपर्क करें। जानकारी ही सबसे बड़ी ताकत है। सही समय पर सही जानकारी मिलने से आप इस सुनहरे मौके का पूरा फायदा उठा सकते हैं।
निष्कर्ष
ये योजना न सिर्फ किसानों की आय बढ़ाएगी, बल्कि गाँवों में रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगी और भारत को खेती के मामले में आत्मनिर्भर बनाने में मील का पत्थर साबित हो सकती है। हम सबको मिलकर इस योजना को सफल बनाना है। जय किसान!
PM धन धान्य कृषि योजना क्या है?
सरकारी योजना है, जिसका उद्देश्य भारत के खेती-बाड़ी सेक्टर को आधुनिक बनाना, किसानों की आय बढ़ाना और कम उत्पादकता वाले क्षेत्रों में सुधार करना है।
इस योजना का लाभ कौन उठा सकता है?
छोटे और सीमांत किसान, कृषि सहकारी समितियाँ, FPOs, महिला किसान, Self-Help Groups और Agri-tech startups इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
किन जिलों को इस योजना का लाभ मिलेगा?
100 चुनिंदा जिले, जहाँ कम उत्पादकता, कम फसल सघनता और कम लोन वितरण की समस्या है
आवेदन कैसे करना है?
ऑफलाइन आवेदन के लिए अपने जिले के कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) या कृषि कार्यालय में जाएँ।
योजना की प्रोग्रेस कैसे ट्रैक होगी?
117 Key Performance Indicators (KPIs) के आधार पर एक डिजिटल डैशबोर्ड के जरिए मॉनिटर किया जाएगा, जिसमें जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर निगरानी होगी।
