जब मुझे हाल ही में सरकार की एक नई स्कीम के बारे में पता चला, तो सोचा क्यों न इसके बारे में गहराई से जानें और आप सबके साथ शेयर करें। इसका नाम है PM Dhan-Dhaanya Krishi Yojana (PMDDKY)। नाम थोड़ा भारी-भरकम है, लेकिन इसका मकसद बिल्कुल सीधा और सरल है – देश के किसानों की तकदीर को नई दिशा देना। चलो, इसे समझते हैं!
PM Dhan-Dhaanya Krishi Yojana: क्या है?
दोस्तों, बात कुछ ऐसी है कि सरकार ने जुलाई 2025 में इस योजना को मंजूरी दी है। सोचो, ढेर सारी छोटी-छोटी सरकारी स्कीम्स चल रही हैं – कोई पानी के लिए, कोई बीज के लिए, तो कोई लोन के लिए। बेचारा किसान कन्फ्यूज हो जाता था कि कहाँ जाए, कौन सा फॉर्म भरे।
इसी परेशानी को दूर करने के लिए, सरकार ने 11 अलग-अलग मंत्रालयों की 36 स्कीम्स को मिलाकर एक “Super स्कीम” बना दी है, जिसका नाम है PM Dhan-Dhaanya Krishi Yojana (PMDDKY)। ये बिल्कुल वैसा है जैसे अलग-अलग मसाले मिलाकर एक बिरयानी तैयार की जाए! इसका प्लान सिंपल है: “एक किसान, एक प्लान।” इस Super स्कीम के लिए सरकार ने अगले 6 साल तक, हर साल ₹24,000 करोड़ का बजट रखा है। हाँ भाई, रकम सचमुच बहुत बड़ी है!
किन किसानों को मिलेगा इसका फायदा?
ये स्कीम पूरे देश में एक साथ लागू नहीं हो रही। पहले फेज में, सरकार ने 100 ऐसे ज़िलों को चुना है जहाँ खेती की हालत थोड़ी कमज़ोर है। अब आप सोच रहे होंगे कि इन ज़िलों को कैसे चुना गया? तो इसके लिए तीन चीजें देखी गईं:
- कम खेती (Low Productivity): ऐसे ज़िले जहाँ प्रति हेक्टेयर उपज बाकी जगहों से कम है।
- पानी या सुविधाओं की कमी: ऐसे इलाके जहाँ साल में बस एक ही फसल हो पाती है या खेती की सुविधाएँ कम हैं।
- लोन मिलने में दिक्कत: जहाँ किसानों को बैंक से लोन लेने में बहुत मुश्किलें आती हैं।
सरकार का प्लान है कि इससे सीधे तौर पर 1.7 करोड़ किसानों को फायदा मिलेगा। और अच्छी बात ये है कि हर राज्य से कम से कम एक ज़िला चुना जाएगा, ताकि हर जगह के किसानों को इसका लाभ मिल सके।
PM Dhan-Dhaanya Krishi Yojana: कैसे काम करेगी?
आइडियाज़ तो कागज़ पर बहुत अच्छे लगते हैं, लेकिन असली चैलेंज तो इम्प्लीमेंटेशन का होता है, ना? मुझे इस स्कीम की सबसे अच्छी बात ये लगी कि इस बार प्लान दिल्ली के AC कमरों में नहीं, बल्कि ज़िला लेवल पर बनेगा।
हर चुने हुए ज़िले में एक District Dhan Dhaanya Samiti बनाई जाएगी, जिसके हेड वहाँ के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर होंगे। इस समिति में सरकारी बाबुओं के साथ-साथ असली एक्सपर्ट्स, यानी कि “प्रोग्रेसिव फार्मर्स” (जिनके पास खेती का अनुभव है) भी शामिल होंगे। ये समिति मिलकर अपने ज़िले के लिए एक Agriculture Plan बनाएगी। इसमें वहाँ की मिट्टी, पानी, और मौसम के हिसाब से सब कुछ डिसाइड होगा।
और हाँ, सब कुछ ट्रांसपेरेंट रहे, इसके लिए एक डिजिटल डैशबोर्ड भी बनाया जाएगा। इस डैशबोर्ड पर 117 इंडिकेटर्स के ज़रिए हर ज़िले की प्रोग्रेस को ट्रैक किया जाएगा। मतलब, कौन सा ज़िला कितना काम कर रहा है, सब ऑनलाइन दिखेगा! इस काम में उनकी मदद करेगा नीति आयोग और देश की बड़ी-बड़ी एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटीज़, जो टेक्निकल ज्ञान और सपोर्ट देंगे।
सिर्फ गेहूँ-चावल से आगे की सोच
एक और मज़ेदार बात जो मुझे पता चली, वो ये कि PM Dhan-Dhaanya Krishi Yojana (PMDDKY) सिर्फ गेहूँ और चावल की खेती तक सीमित नहीं है। सरकार समझ गई है कि किसान की इनकम बढ़ानी है तो उसे खेती के साथ-साथ दूसरे काम भी करने होंगे। इसलिए इस स्कीम में इन चीजों पर भी फोकस है:
- पशुपालन: गाय, भैंस पालकर दूध का उत्पादन बढ़ाना।
- मत्स्य पालन: तालाब और नदियों में मछली पालन को बढ़ावा देना।
- मधुमक्खी पालन: शहद उत्पादन से एक्सट्रा इनकम जनरेट करना।
इससे होगा ये कि अगर किसी साल फसल खराब भी हो गई, तो किसान के पास इनकम का दूसरा ज़रिया बना रहेगा। इसे कहते हैं इनकम डायवर्सिफिकेशन, थोड़ा फैंसी वर्ड है लेकिन मतलब सिंपल है – सारे अंडे एक ही टोकरी में मत रखो!
PM Dhan-Dhaanya Krishi Yojana: My Personal Take
यार, सच बताऊँ तो जब भी ऐसी कोई बड़ी स्कीम आती है, तो दिल में एक उम्मीद जगती है। मेरे दादाजी बताते हैं कि उनके ज़माने में खेती सिर्फ पेट भरने का ज़रिया थी। आज का किसान पेट पालने के साथ-साथ अपने बच्चों को अच्छी एजुकेशन और बेहतर ज़िंदगी देना चाहता है। ये स्कीम उस सपने को पूरा करने में एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।
सबसे पॉजिटिव बात इसका बॉटम-अप अप्रोच है – यानी प्लान नीचे से ऊपर बनेगा, ज़िला से स्टेट और फिर सेंटर तक। इससे असली ज़रूरतों को समझना आसान होगा। डिजिटल मॉनिटरिंग से भ्रष्टाचार कम होने की उम्मीद है।
लेकिन, एक डर भी है। सरकारी कागज़ों और असली ज़मीन में अक्सर फर्क होता है। असली चैलेंज होगा इस स्कीम को सही से लागू करना, हर किसान तक इसकी जानकारी पहुँचाना और ये सुनिश्चित करना कि इसका फायदा आखिरी किसान तक पहुँचे।
Conclusion
PM Dhan-Dhaanya Krishi Yojana एक बहुत ही महत्वाकांक्षी और ज़रूरी प्लान लग रहा है। अगर इसे सही नीयत और ढंग से लागू किया गया, तो ये सचमुच भारतीय खेती की तस्वीर बदल सकता है। ये सिर्फ उत्पादन बढ़ाने की स्कीम नहीं है, बल्कि किसानों को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने का एक मौका है।
आने वाला वक्त ही बताएगा कि ये “Super स्कीम” कितनी Super हिट होती है। लेकिन एक बात तो पक्की है, एक उम्मीद की नई फसल ज़रूर लहलहा रही है। आपका इस बारे में क्या सोचना है? कमेंट्स में ज़रूर बताना!
PM Dhan-Dhaanya Krishi Yojana 2025: Frequently Asked Questions (FAQs)
PM Dhan-Dhaanya Krishi Yojana क्या है?
सरकार ने जुलाई 2025 में शुरू किया। इसमें 11 मंत्रालयों की 36 छोटी-छोटी स्कीम्स को मिलाकर एक बड़ा प्लान बनाया गया है।
इस स्कीम का बजट कितना है?
सरकार ने इसके लिए अगले 6 साल तक हर साल ₹24,000 करोड़ का बजट रखा है।
क्या ये स्कीम सिर्फ गेहूँ-चावल की खेती के लिए है?
नहीं! ये स्कीम सिर्फ पारंपरिक खेती तक सीमित नहीं है। इसमें पशुपालन (दूध उत्पादन), मत्स्य पालन (मछली पालन), और मधुमक्खी पालन (शहद उत्पादन) को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
क्या ये स्कीम छोटे किसानों के लिए भी है?
हाँ, बिल्कुल! इस स्कीम का फोकस छोटे और मझोले किसानों पर है, खासकर उन इलाकों में जहाँ खेती की हालत कमज़ोर है।

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